वर्तमान समय में भारत जैसी युवा शक्ति जो कि हर एक क्षेत्र में जिन का योगदान महत्वपूर्ण रहता है वह है हमारे देश की युवा शक्ति के बिना कोई भी क्षेत्र में कार्य पूर्ण नहीं होता लेकिन आज का जो समय चल रहा है उसमें लगभग 70% युवा वर्ग पूर्ण रूप से नशे का शिकार हो चुका है इस नशे में सभी प्रकार के नशे शामिल है जैसे गुटका बीड़ी पान तंबाकू मांस शराब इत्यादि आज तक सरकार और सामाजिक संस्थाओं ने अपनी भूतपूर्व प्रयास किए लेकिन युवा वर्ग तथा हमारे मानव समाज को पूर्ण रूप से नशा मुक्त नहीं कर पाए क्योंकि कथनी और करनी में फर्क होने के कारण ना तो इस पर पूर्ण रूप से लगाम लगी बल्कि विभिन्न प्रकार की भयंकर नशीली वस्तुओं का आम नागरिक उपयोग करता जा रहा है आखिर में यह नशा देश को किस को ले जाएगा आज तक तमाम सरकारी तथा सामाजिक संस्थाओं के प्रयास विफल होते नजर आए हैं ऐसी कौन सी शक्ति है या ऐसा कौन सा ज्ञान है जिससे हमारा मानव समाज पूर्ण रूप से नशे से मुक्त हो सकें आइए जानते हैं वर्तमान में संत रामपाल जी...
शेख तकी तथा सिकंदर लोदी ने हर पल हर समय कबीर परमात्मा को भगवान ना मानकर एक साधारण इंसान की तरह उनकी परीक्षा ली थी कबीर परमात्मा को उन्होंने गरम उबलते हुए तेल में बैठा दिया जबकि उसी तेल में सिकंदर लोदी ने यह चेक करने के लिए किए कितना गर्म है अपनी अंगुली डाली तो वह अंगुली अंदर ही रह गई फिर भी परमात्मा को उस गरम तेल में बैठाया लेकिन भगवान तो भगवान होते हैं इस परीक्षा में भी सिकंदर लोदी तथा शेख तकी फेल हो गए शेख तकी तथा सिकंदर लोदी ने एक गाय को जिसके पेट में उसका बच्चा भी था अपनी तलवार से काट डाला कभी परमात्मा को कहा कि यदि तू अल्लाह हू अकबर है तो इसे पुनः जीवित करके दिखाएं कबीर परमात्मा ने अपने एक हाथ एक टुकड़े पर तथा दूसरा हाथ से टुकड़े पर रखा दोनों पुनः जोड़ कर जीवित हो गए कबीर परमात्मा ने शेख तकी तथा सिकंदर लोदी को बार-बार यही समझाया कि हम ही अलखअल्लाह हैं कुतुब गोश् और पीर गरीबदास खालिक धनी हमारा नाम कबीर
हम बेजुबान जानवरों का मांस काट कर खाते हैं यह बिल्कुल भी सही नहीं है कुरान मैं भी अल्लाह ने मांस खाने का आदेश नहीं दिया है हम इस जन्म में एक जीव को काट कर खाते हैं हमें उसका बदला वापस दूसरे जन्म में एक जीव बनकर चुकाना पड़ता है फिर वह हमें काटता है
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